Saturday, December 1, 2018

How to reduce power consumption by LED lights...in hindi

एक सीएफएल(CFL) के स्थान पर एलईडी बल्ब उपयोग करने से 50% पावर की बचत की जा सकती है।।।

कैसे ??
मान लीजिए आप अपने 15X15 sqft कमरे में एक 12वाट की CFL उपयोग करते हैं जो कि लगभग 720 lumens (CFL 1वाट =60lumens)प्रकाश देती है

    720lumens प्रकाश के लिए आपको 7-8वॉट के LED (1वाट LED बल्ब=110lumems) बल्ब की आवश्यकता होगी।

Means अगर आप  12वाट CFL प्रतिदिन 12 घंटे उपयोग करते हैं इसका अर्थ है कि एक माह में आप कुल 12वॉट X 12घंटे X30दिन = 4320वॉट प्रति माह या 4.32यूनिट प्रति माह उपयोग करते हैं। अगर आप 7 रुपए प्रति यूनिट से बिजली बिल देते हैं इसका अर्थ हुआ कि आप एक माह में  34.24 रुपये सिर्फ एक CFL के लिए भरते हैं।।
इसके स्थान पर 7वॉट LED उपयोग करने पर प्रतिदिन 12घंटे उपयोग करने पर प्रतिमाह 2520वॉट य 2.52यूनिट ही खर्च होते हैं। जिसका बिल 7 रुपये प्रति यूनिट के हिसाब से मात्र 17.64रुपये होता है।।

इस तरफ मात्र एक CFL को बदलने पर आप प्रतिमाह बिल में  16 रुपये 60 पैसे की बचत कर सकते हैं।।।

Krishna shrivastava

Saturday, November 24, 2018

Meaning is Skill in Hindi....

किसी भी कार्य को कुशलता पूर्वक करने का ज्ञान ,क्षमता तथा योग्यता को स्किल या कौशलता कहते हैं। किसी क्षेत्र विशेष में पारंगत होना ही स्किल्ड कहलाता है। किसी भी व्यक्ति की किसी कार्य क्षेत्र में हुनर,निपुणता और दक्षता को स्किल या कौशल कहते हैं।



    स्किल, किसी व्यक्ति की शिक्षित होने से नही देखी जाती अर्थात स्किल्ड होने के लिए शिक्षा की आवश्यता हो ऐसा जरूरी नही है। एक अशिक्षित व्यक्ति भी स्किल्ड हो सकता है जैसे एक गैराज में काम करने वाला व्यक्ति अशिक्षित होकर भी गाड़ी मोटर के सुधार कार्य मे पारंगत होता है। उसमें ये हुनर किसी पढ़ाई से नही बल्कि काम करते करते अनुभव से आता है।।
      इस प्रकार कह सकते हैं कि स्किल, किताबी शिक्षा पर निर्भर नही होती। साधारण तय जब स्किल की बात की जाती है तो ये सोचा जाता है कि स्किल या पारंगत होने से तात्पर्य उस कार्य क्षेत्र में की गई पढ़ाई अथवा शिक्षा है परंतु ऐसा नही है अगर किसी व्यक्ति ने इलेक्ट्रॉनिक के क्षेत्र में पढ़ाई की है परंतु उसे प्रायोगिक कार्य करते नही बनता तो वह व्यक्ति स्किल्ड नही कहा जा सकता।
           इसी प्रकार मात्र तकनीकी शिक्षा या तकनीकी कार्य का हुनर ही स्किल्ड नही कहलाता ,स्किल से तात्पर्य किसी कार्य को बखूबी करने की कला और क्षमता से होता है। उदाहरण के लिए एक कपड़ा व्यापारी भी जब किसी ग्राहक को अपने प्रोडक्ट्स लेने के लिए राजी कर सकता है तो ये कहा जा सकता है उस व्यक्ति में मार्केटिंग तथा ग्राहकों को आकर्षित करने की कला,निपुणता या स्किल है।। अर्थात वह व्यक्ति मार्केटिंग में पारंगत है।।

          इस प्रकार हम कह सकते हैं कि स्किल, किसी व्यक्ति द्वारा किसी कार्य को सुव्यवस्थित तरीके से करने की कला है जो कि किसी पढ़ाई य शिक्षा पर निर्भर नही होती बल्कि कार्य करने पर निर्भर करती है और ये अभ्यास करने से ही आती है 

कृष्णा श्रीवास्तव

उम्मीदें अच्छी है या नही ?

कहते हैं कि उम्मीद पर ही दुनिया कायम है मतलब अगर उम्मीदें न हो तो जीना ही संभव नही है क्योंकि हम जिंदा ही उम्मीदों के सहारे रहते हैं, जैसे...